कानपुर: गंगा खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर है। इससे करीब 11 गांवों में पानी घुस गया है। इससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। 15 परिवारों को गांवों से बाढ़ राहत शिविर में शिफ्ट किया गया। वहीं बिठूर से लेकर सभी गंगा घाट पूरी तरह डूब गए हैं। करीब 15 फीट तक जलस्तर चढ़ा हुआ है। हरिद्वार और नरौरा डेम से लगातार पानी छोड़ने जाने से गंगा खतरे के बिंदु को पार कर चुकी है। पानी कटरी से जुड़े गांवों में घुस गया है।

एक सप्ताह से उफान पर गंगा

गंगा नदी पिछले एक सप्ताह से उफान पर हैं। बैराज पर हर दिन हरिद्वार और नरौरा से करीब तीन लाख क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। गंगा खतरे के निशान से 15 फीट ऊपर बह रही हैं। तेज बहाव से कटान शुरू हो गया है। अभी तक चार गांव ही प्रभावित थे, लेकिन अब गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी सात और गांवों में घुस गया है।सबसे ज्यादा खराब हालात चैनपुरवा, भोपाल का पुरवा और भगवानदीन पुरवा के हैं। वहां पर जिनके कच्चे मकान हैं, उन परिवार को वहां से हटाकर कांशीराम स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कराया जा रहा है। जिलाधिकारी विशाख जी ने राहत शिविर जाकर उनका हालचाल जाना। जिलाधिकारी ने उनको राशन वितरित कराया। परिवार के सभी सदस्यों का मेडिकल चेकअप कराया गया।

इन गांव में घुस गया है बाढ़ का पानी

गंगा के अपस्ट्रीम में भोपाल का पुरवा, बनियापुरवा, भगवानदीनपुरवा, धल्लापुरवा, लक्ष्मणपुरवा और गिन्नीपुरवा, भरतपुरवा में पानी घुस चुका हैं। वहीं, डाउनस्ट्रीम में पानी चैनपुरवा, धरमखेड़ा, दिगिनापुरवा और पहाड़ीपुर में पानी पहुंच चुका है। यहां पर पानी खेतों के साथ मकानों में घुस गया है। इस वजह से वहां पर ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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